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बिहार सरकार ने नागरिक सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए डायल 112 सेवा को एकल पुलिस हेल्पलाइन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। अब यह सेवा केवल आपातकालीन सेवाओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसे विस्तारित करके विभिन्न पुलिस सेवाओं को भी शामिल किया जा रहा है। अगले एक महीने में, बिहार में डायल 112 का नया रूप देखने को मिलेगा, जो सुरक्षित बिहार की परिकल्पना को साकार करेगा।
डायल 112 के माध्यम से अब फायर ब्रिगेड, पुलिस और एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं के अलावा अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यह सेवा अबतक केवल सड़क दुर्घटना, अगलगी, और पुलिस सहायता के लिए उपयोग की जाती थी, लेकिन अब इसके दायरे में अपराधियों की सूचना देना भी शामिल हो गया है। आम नागरिक अपराधियों की जानकारी देकर पुलिस को सूचित कर सकते हैं, और उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। इससे अपराधों में कमी आएगी और सुरक्षा बढ़ेगी।
बिहार में डायल 112 सेवा के 1800 वाहनों के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 5000 लोगों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसमें फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, और पुलिस सहायता शामिल हैं। अब इन सेवाओं के अलावा प्रदेशवासियों को पुलिस से जुड़ी हर प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी। FIR दर्ज कराने, जांच में देरी, और जमीनी विवाद जैसी समस्याओं के समाधान के लिए भी डायल 112 का उपयोग किया जा सकेगा। औसतन 20 मिनट में आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने वाली यह सेवा अब और भी प्रभावी होगी।
महिला और बाल अपराध की जानकारी देने के लिए भी डायल 112 का उपयोग किया जा सकता है। यदि किसी को अपने आसपास महिला या बच्चों के साथ कोई अपराध होता दिखाई देता है, तो वे सीधे 112 पर कॉल कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अलग से चाइल्ड हेल्पलाइन या महिला हेल्पलाइन का सहारा लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इस कदम से महिला और बाल सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।
डायल 112 सेवा को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए बिहार सरकार कई नई योजनाएं लागू कर रही है। इस सेवा का मुख्य उद्देश्य प्रदेशवासियों को त्वरित और प्रभावी पुलिस सहायता प्रदान करना है। नए प्रारूप में, डायल 112 केवल आपातकालीन सेवाओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह एक व्यापक पुलिस हेल्पलाइन के रूप में कार्य करेगी। यह पहल बिहार में नागरिक सुरक्षा को नए आयाम पर ले जाएगी और अपराधों पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
डायल 112 की नई व्यवस्था के तहत, नागरिकों को विभिन्न प्रकार की पुलिस सेवाएं एक ही नंबर पर मिल सकेंगी। यह सेवा न केवल आपातकालीन परिस्थितियों में मददगार होगी, बल्कि सामान्य पुलिस सहायता के लिए भी यह उपयोगी सिद्ध होगी। बिहार में इस नई पहल से नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा और प्रदेश में सुरक्षा की भावना को मजबूती मिलेगी।
इस प्रकार, डायल 112 का नया रूप सुरक्षित बिहार की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे प्रदेशवासियों को त्वरित और प्रभावी पुलिस सहायता मिल सकेगी।
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