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पटना सिटी। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाशिवरात्रि महोत्सव शोभायात्रा समिति के तत्वाधान में भगवान भोलेनाथ की भव्य शोभायात्रा और बारात निकाली गई। इस दिव्य आयोजन में अमरनाथ गुफा, दूल्हा बने भोलेनाथ और नंदी पर सवार शिव बारात जैसी झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। जैसे ही भगवान शिव की शोभायात्रा निकली, पूरा वातावरण शिवमय हो गया।
प्राचीन सिमली शिव मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ देवाधिदेव महादेव की पूजा और महाआरती के बाद बारात का शुभारंभ हुआ। शिव की बारात में भूत-प्रेत, अघोरी साधु और विभिन्न झांकियों ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शोभायात्रा ने अशोक राजपथ से होते हुए माल सलामी, मारूफगंज, मंसूरगंज, पूर्व दरवाजा, हाजीगंज, चामडोडिया, चौक, मच्छरहट्टा, पश्चिम दरवाजा, भद्र घाट होते हुए गायघाट स्थित श्री गौरीशंकर मंदिर तक यात्रा पूरी की।
शोभायात्रा का नेतृत्व विधानसभा अध्यक्ष सह विधायक नंदकिशोर यादव, समिति के अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण साह, महापौर सीता साहू, उपमहापौर रश्मि चंद्रवंशी, वार्ड पार्षद अंजली राय, विनोद कुमार, संयोजक राजेश साह, महामंत्री जयकृष्ण प्रसाद सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने किया।
शोभायात्रा के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अशोक राजपथ के दोनों ओर श्रद्धालु फूलों की वर्षा और आरती कर भगवान शिव का स्वागत कर रहे थे। इस दौरान कई भव्य झांकियां प्रस्तुत की गईं, जिनमें प्रमुख थीं:
विशेष रूप से बनारस से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत संगीत व नृत्य झांकी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रही थी। शोभायात्रा में भगवा दल, अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल, श्रीराम सनातन सेना सहित अन्य संगठनों के युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
फूलों से सजे रथ पर भगवान भोलेनाथ की झांकी विराजमान थी, जहां विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों द्वारा आरती और पुष्पवर्षा की जा रही थी। महिलाओं की मंडली भजन-कीर्तन में लीन थी, जबकि आर्केस्ट्रा भजन मंडली के भक्ति गीतों पर युवा श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूम रहे थे।
करीब 6 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर जब शोभायात्रा गायघाट स्थित गौरीशंकर मंदिर पहुंची, तो मंदिर समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर विश्वनाथ चौधरी, चुन्नू चंद्रवंशी, दिलीप गुप्ता, राजेंद्र यादव सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
महाशिवरात्रि महोत्सव की इस भव्य शोभायात्रा ने पूरे पटना को शिवमय कर दिया। शिवभक्तों का जोश, अद्भुत झांकियां, भजन-कीर्तन और आरती ने इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया।