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एंटवर्प, बेल्जियम: भारत के सबसे बड़े banking scams में से एक—Punjab National Bank (PNB) Fraud—के मास्टरमाइंड और fugitive diamond tycoon मेहुल चोकसी को आखिरकार बेल्जियम के एंटवर्प शहर में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भारत की ओर से किए गए formal extradition request के बाद हुई, जो भारत के आर्थिक अपराधियों के खिलाफ चल रही लंबी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
साल 2018 की शुरुआत में सामने आए इस $1.8 billion PNB scam ने देश की बैंकिंग व्यवस्था को हिला कर रख दिया था। Mehul Choksi और उसके भांजे Nirav Modi पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी Letters of Undertaking (LoUs) के जरिए बैंकों से भारी मात्रा में कर्ज लिया और उसे निजी हितों में इस्तेमाल किया। यह घोटाला सामने आने से पहले ही दोनों देश छोड़कर फरार हो गए थे।
जहां Nirav Modi को 2019 में United Kingdom (UK) में गिरफ्तार किया गया और वह अभी तक वहीं की जेल में है, वहीं चोकसी पहले Antigua and Barbuda भाग गया और वहां की नागरिकता भी हासिल कर ली। हालांकि अब वह बेल्जियम में पकड़ा गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चोकसी कुछ महीनों पहले चुपचाप बेल्जियम पहुंच गया था और वहां एंटवर्प में अपनी पत्नी Preeti Choksi के साथ रह रहा था, जो बेल्जियम की नागरिक हैं। भारतीय एजेंसियों की सतर्क नजर और मजबूत diplomatic pressure के चलते अंततः उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
बेल्जियम के Foreign Ministry ने भी उसकी मौजूदगी की पुष्टि की और कहा कि भारत की extradition request को गंभीरता से लिया जा रहा है।
मेहुल चोकसी के legal team ने गिरफ्तारी के खिलाफ appeal दायर करने की बात कही है। उनका दावा है कि चोकसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है और वर्तमान में बेल्जियम में suspected cancer treatment ले रहा है।
उसके वकील Vijay Aggarwal ने मीडिया से कहा कि चोकसी अब flight risk नहीं है और भारत सरकार द्वारा लगाए गए आरोप politically motivated हैं।
चोकसी की गिरफ्तारी को भारत के Central Bureau of Investigation (CBI) और Enforcement Directorate (ED) की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। ये दोनों एजेंसियां पिछले कई सालों से चोकसी और नीरव मोदी की tracking and extradition की कोशिशों में लगी थीं।
चोकसी की गिरफ्तारी न केवल भारत के कूटनीतिक प्रयासों की सफलता है, बल्कि यह एक मजबूत संदेश भी है कि देश अब economic offenders को दुनिया के किसी भी कोने में छोड़ने को तैयार नहीं है।
अब चोकसी के खिलाफ extradition proceedings शुरू होंगी, जिसके तहत भारत उसे वापस लाने की कोशिश करेगा ताकि उस पर देश की अदालतों में मुकदमा चलाया जा सके। भारत पहले ही बेल्जियम सरकार को सारे documentary evidence और legal justifications सौंप चुका है।
अगर चोकसी को भारत लाया जाता है, तो यह PNB scam investigation की दिशा में एक निर्णायक मोड़ होगा और अन्य economic fugitives जैसे Vijay Mallya और नीरव मोदी के मामलों को भी गति मिल सकती है।
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि India’s resolve against economic crimes कमजोर नहीं पड़ा है। बेल्जियम में हुई यह कार्रवाई भारतीय एजेंसियों की सटीक रणनीति और निरंतर प्रयासों का परिणाम है।
अब जब extradition process शुरू होने वाला है, भारत को उम्मीद है कि चोकसी को जल्द ही वापस लाकर judicial system के हवाले किया जाएगा और PNB scam के पीड़ितों को न्याय मिलेगा।