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नई दिल्ली, मई 18: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम को सम्बोधित करते हुए कहा कि युवाओं को देश का नेतृत्व करने के लिए बुनियादी मानवीय मूल्यों को बनाए रखना होगा, साथ ही, भविष्य की चुनौतियों का सामना करते के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं-छात्र-छात्राओं को सज्ज रहना होगा; राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गाजियाबाद (इंदिरापुरम) स्थित संत थॉमस स्कूल के छात्र-छात्राएं और एक शिक्षिका प्रधानमंत्री की चुनौती को स्वीकार किये ।
इन दो वर्षों में संत थॉमस स्कूल, इंदिरापुरम के चेयरमैन फादर बीजू डेनियल और प्रिंसिपल वीके कोरियाकोज की अगुवाई में विज्ञान की शिक्षिका श्रीमती नीना झा और उनके समूह छात्र-छात्राएं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र स्थित अंतर्राज्यीय प्रतियोगिता के अलावे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ‘इनोवेशन एम्बेस्डर’ श्रीमती झा, जो पिछले 25 वर्षों से संत थॉमस स्कूल, इंदिरापुरम, गाजियाबाद में विज्ञान की शिक्षिका है, पिछले कई वर्षों से राज्य स्तर से लेकर केंद्रीय स्तर तक अपने बच्चों के साथ अनेकों विज्ञान से संबंधित प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती आ रही हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी इनके कार्यों को सराहा है। विगत दिनों अमृता विश्वविद्यापीठम और जागरण आईनेक्स्ट विज्ञान शिक्षा और इनोवेशन के क्षेत्र में इनके कार्यों को सराहते इन्हें TEACHER Brilliance Award 2025 से भी अलंकृत किया।
देश के यूथ आइडिएथोन द्वारा देश के दस महत्वपूर्ण मेन्टरों में एक श्रीमती नीना झा के नेतृत्व में तनुष पाल सातवीं कक्षा ने आओना परचम लहराया और अरहान खान ने भारत शिक्षा एक्सपो 2025 में स्वर्ण पदक और मोमेंटो जीतकर विद्यालय का नाम रोशन किया। इसी कालखंड में भारत के युवा वैज्ञानिकों के लिए हैदराबाद (तेलंगाना) में केवीआर साइंस सोसाइटी द्वारा आयोजित ‘इन्नोवेशन प्रोजेक्ट्स’ में संत थॉमस स्कुल के सातवीं कक्षा के छात्र तनुष पाल जीव विज्ञान श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने मेंटर नीना झा और विद्यालय का नाम विख्यात किया। श्रीमती झा विगत दो दशक से अधिक समय से देश जकी आज़ादी में मातृभूमि के लिए अपने प्राणों को उत्सर्ग करने वाले हुतात्माओं के आज के जीवित, परन्तु समाज से उपेक्षित वंशजों को अपने पति के साथ ढूंढ रही हैं। श्रीमती झा के पति श्री शिवनाथ झा दिल्ली के एक विख्यात पत्रकार हैं। नीना झा-शिवनाथ झा अब तक शहीदों के ७५ वंशजों को ढूंढे है और किताबों से छः परिवारों – शहनाई उस्ताद (दिवंगत) भारतरत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खा, तात्या टोपे, बहादुर शाह ज़फर. उधम सिंह और राम प्रसाद बिस्मिल के परिवार को नया जीवन देने में सफल रहे हैं। तात्या टोपे की प्रपौत्री – प्रगति और तृप्ति – के अलावे बिस्मिल के परिवार के सुश्री प्रियंका की शादी में भी इस दंपत्ति की अहम् भूमि रही।
हमारे संवाददाता से बात करते हुए श्रीमती नीना झा ने कहा कि “मैं एक शिक्षिका हूँ। अपने विषय पर यथासंभव नियंत्रण अवश्य है। साथ ही, गणित तो जानती ही हूँ। वैसी स्थिति में हमारा यह दायित्व है कि हम अपने बच्चों को शिक्षण-प्रशिक्षण की दिशा में अव्वल बनायें। हमें और हमारे बच्चों को अपने विद्यालय से भरपूर सहयोग मिलता है। स्वाभाविक है कि हम अपने विद्यालय के सभी अधिकारियों का सम्मान रखने के लिए प्रत्येक एक अटूट विश्वास के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा लें। जीतना – हारना अलग बात है। लेकिन जीतने अथवा हारने के लिए हमें प्रतियोगिता में हिस्सा लेना होगा और हम वही कर रहे हैं। इससे छात्र-छात्रों का मनोबल ऊँचा होता है, अभिभावक का अपने बच्चों में विस्वास बढ़ता है।
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