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पटना, 06 जुलाई 2024: बिहार में डायल 112 सेवा को शुरू हुए आज दो वर्ष पूरे हो गए। इस अवसर पर पटना के राजवंशीनगर स्थित इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS Dial-112) के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अपर पुलिस महानिदेशक, तकनीकी सेवाएं एवं वितंतु, श्री निर्मल कुमार आजाद ने डायल 112 को अधिक प्रभावी बनाने के लिए वहां कार्यरत सभी पुलिसकर्मियों के प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर पुलिस उप-महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) और अन्य पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहे।
06 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में शुरू की गई इस सेवा ने अब तक 20 लाख नागरिकों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान की हैं। डायल 112 के माध्यम से प्रदेशभर में औसतन 20 मिनट में एम्बुलेंस, पुलिस और फायर ब्रिगेड की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इस सेवा के तहत कुल 1833 वाहनों का उपयोग किया गया है।
डायल 112 की कॉल हैंडलिंग में बिहार देशभर में दूसरे स्थान पर है। रिस्पॉन्स टाइम के आधार पर बिहार सातवें स्थान पर है। राज्य में प्रतिदिन लगभग 5 हजार लोग विभिन्न आपातकालीन सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। खास बात यह है कि हर कॉल को महिला पुलिसकर्मी द्वारा रिसीव किया जाता है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डायल 112 का रिस्पॉन्स टाइम एक समान है।
इस वर्ष का लक्ष्य 15 लाख से अधिक लोगों को पुलिस, एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की आपातकालीन सेवाएं प्रदान करना है। अगले वर्ष 2025 में यह आंकड़ा 18 से 20 लाख तक पहुंचाने का उद्देश्य है। नागरिक केन्द्रित पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए हर कॉलर से फीडबैक लिया जाएगा, ताकि शिकायतों का शत-प्रतिशत समाधान हो सके।
पिछले दो वर्षों में डायल 112 के माध्यम से स्थानीय विवाद, मारपीट और हिंसात्मक झड़प के 10 लाख 59 हजार 782 मामलों का निष्पादन किया गया है। घरेलू हिंसा, महिला अपराध और बच्चों से जुड़े 1 लाख 80 हजार 817 मामलों का त्वरित निपटारा किया गया। सड़क दुर्घटना के 81 हजार 268 मामलों में घायलों को तत्काल मदद पहुंचाकर हजारों जानें बचाई गई हैं। अगलगी के 71 हजार 994 मामलों में घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड की टीम भेजकर कई घरों को पूरी तरह से बर्बाद होने से बचाया गया है।
डायल 112 की त्वरित कार्रवाइयों के कारण राज्य में डकैती, चोरी और दंगे के मामलों में कमी आई है। वर्ष 2023 में डकैती में 15.39%, चोरी में 5.93% और दंगा के मामलों में 15.82% की गिरावट दर्ज की गई है।
डायल 112 को अब एकल पुलिस हेल्पलाइन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे नागरिकों को अधिकतम सेवाएं मिल सकें। इसके माध्यम से पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस के अलावा अन्य सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी। यह सेवा बिहार के नागरिकों के लिए एक नई आशा और सुरक्षा की गारंटी बनकर उभरी है।
डायल 112 सेवा ने बिहार में आपातकालीन सेवाओं की दिशा में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। अपनी त्वरित और प्रभावी सेवाओं के चलते यह सेवा राज्य के नागरिकों के बीच विश्वास और सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देने में सफल रही है। आगामी वर्षों में इसके और भी अधिक उन्नत और व्यापक होने की उम्मीद है, जिससे राज्य के सभी नागरिकों को त्वरित और प्रभावी आपातकालीन सहायता मिल सकेगी।