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Patna, November 22, 2024: Honorable Governor of Bihar, Shri Rajendra Vishwanath Arlekar, inaugurated the Indradhanush program at the Premchand Rangshala in Patna. The event was jointly organized by the Eastern Zonal Cultural Centre, Kolkata, North Central Cultural Centre, the Ministry of Culture (Government of India), and the Department of Art, Culture, and Youth Affairs, Bihar.
Addressing the gathering, the Governor highlighted the diverse and vibrant hues of Indian culture, likening it to a rainbow. He emphasized the need to showcase Bihar’s rich artistic heritage beyond the state borders. “Organizing cultural programs outside Bihar will not only enhance the state’s image but also foster a deeper understanding of its traditions,” he stated. He also advocated for inter-regional cultural events to promote cultural exchange.
The event featured a series of vibrant cultural performances showcasing the traditions of various states.
The program was also addressed by Mrs. Seema Tripathi, Special Secretary of the Department of Art, Culture, and Youth Affairs, Bihar, and Mrs. Rachna Patil, Director of the Bihar Museum.
Dignitaries present included Mrs. Ruby, Director of Cultural Affairs; Dr. Tapas Samantaray, Assistant Director of the Eastern Zonal Cultural Centre, Kolkata; officials from the Department of Art, Culture, and Youth Affairs, Bihar; and artists from different states.
पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (EZCC), कोलकाता] पश्चिम बंगाल, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC), प्रयागराज, उत्तर प्रदेश तथा कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 22–24 नवम्बर, 2024 को स्थानीय प्रेमचंद रंगशाला, राजेंद्र नगर, पटना में प्रतिदिन सायं 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव “इंद्रधनुष 2024” का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे हरियाणा, राजस्थान, उड़ीसा असम पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लोक गीत एवं लोक नृत्यों की प्रस्तुति की जा रही है तथा हस्तशिल्प मेला खान- पान मेला, पारंपरिक पहनावा प्रदर्शन, चित्रकला कार्यशाला एवं रंगोली प्रदर्शन आदि कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है तथा पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के इस सिग्नेचर फेस्टिवल में भारत के लगभग 400 लोक आदिवासी कलाकार और 10 छोटी हस्तशिल्प दुकानों में 40 शिल्पकार भाग ले रहे हैं।
आज दिनांक 22 नवम्बर, 2024 को बिहार के माननीय राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आलेकर ने दीप प्रज्जवलित कर महोत्सव का औपचारिक उदघाटन किया। इसके बाद पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहायक निदेशक डॉ० तापस सामंतराय ने स्वागत भाषण दिया, जिसके उपरांत श्रीमती रचना पाटिल, भा० प्र० से०, निदेशक, संग्रहालय, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग तथा श्रीमती सीमा त्रिपाठी, भा० प्र० से०, विशेष सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने अपना वक्तव्य दिया। इसके बाद बिहार के माननीय राज्यपाल का भाषण हुआ एवं कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की निदेशक श्रीमती रूबी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इसके बाद महोत्सव का आरम्भ हुआ।
सबसे पहले गंगा पर आधारित नृत्य नाटिका “एक रिश्ता” की प्रस्तुति की गयी, जिसके बाद सभी राज्यों के कलाकारों के द्वारा समवेत नृत्य पेश किया गया, जिसका नृत्य निर्देशन श्री राजीव कुमार रॉय ने किया।
इसके बाद बिहार के कलाकारों ने बिहार गौरव गान की प्रस्तुति की।
इसके बाद असम के राजीव कलिता के दल द्वारा बिहू नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसमे देबजीत दास, राज नाथ, अनूप मजुमदार, दीपज्योति नाथ, जिन्तु दास, नुपुर देका, सुदर्शन बनिया, करुना कान्त कलिता, हिरामोनी कलिता, करिश्मा भुयान, जोनाली दास, सेवजी देवी, बिजुली दास एवं ध्रितिश्मिता सरनिया ने भाग लिया।
मध्य प्रदेश की निधि चौरसिया के दल ने बधाई लोक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमे हेमंत, नीलम, निधि, गजेन्द्र, नेहा, निकिता, खुशबू, संतोषी, प्रतीक, अंकित, पीयूष, शरद, यशवंत, रुपेश तथा नीलेश ने भाग लिया।
इसके बाद उत्तर प्रदेश के दल ने लोक नृत्य की प्रस्तुति की।
इसके बाद बिहार के सबेरा कला केंद्र ने लोक नृत्य सामा चकेवा प्रस्तुत किया, जिसमे मो० जानी, मो० आसिफ, अपराजिता, साम्भवी, अनन्या, पीहू, निशा, अनीशा, दीप्ति, वर्षा तथा विकास शामिल थे।
राजस्थान की अंजना कुमावत के दल ने चारी नृत्य पेश किया, जिसमे पूजा नरुका, आकांक्षा कुमावत, निशा, कृष्णा मालाकार, कशिश मालाकार, दिनकल, शिमाला जाट, रेखा देवी, अमृता कुमावत, राधे श्याम, मुकेश कुमार, गोपाल, रामलाल एवं हिम्मत शामिल थे।
हरियाणा के कामिल के दल ने फाग नृत्य पेश किया, जिसमे जावेद, नीरज, साहिल, आकाश, नूरी, मोहित, सूबे सिंह, शमशेर, अंकुश, निधि, रितिका, कुसुमलता, ब्यूटी एवं नेहा शामिल थे।
उड़ीसा के अरुण कुमार सुना के दल एकतारा कला केंद्र ने संबलपुरी नृत्य पेश किया, जिसमे उनके साथ दीपक कुमार जल, रेनुरंजन बाग, उपेन बीसी, छोटू कुमाबगर, जोगेश जल, अमिन हरपाल, बिकी कुम्भर, राहुल जल, कालिया नंदा, मायाधर खरसेल, रेनू नाइक, सपना लुहार, प्रीति सिदुरिया, संजन सुना, सीता माझू एवं सुचित्रा दास शामिल थे।
आज के पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन सोमा चक्रवर्ती ने किया।
अंत में बिहार की कव्वाली प्रस्तुति के बाद आज के कार्यक्रम का समापन हुआ।
कल संध्या 4 बजे से पुनः कार्यक्रम का श्री गणेश होगा।