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पटना सिटी: अखिल भारतीय पान महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई० आई० पी० गुप्ता ने शुक्रवार को बाईपास स्थित शगुन होटल में प्रेस वार्ता के दौरान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने 30 मार्च को पटना सिटी के कृष फार्म हाउस, सुदर्शन पथ, नाला पर आयोजित होने वाले ‘हाँको रथ हम पान हैं’ जिला स्तरीय सम्मेलन को लेकर कहा कि सरकार हमें जितना भी चाहे रोके, हम न रुकेंगे और न ही झुकेंगे। उन्होंने कहा कि आरक्षण वापस लेना हमारा अधिकार है और हम इसे लेकर ही रहेंगे।
ई० आई० पी० गुप्ता ने बताया कि 30 मार्च को पटना सिटी के सिटी स्कूल मैदान में प्रस्तावित रैली को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। उन्होंने इसे राजनीतिक दबाव का नतीजा बताया और कहा कि कई स्थानों पर महासंघ के पोस्टर और बैनर भी उखाड़ दिए गए। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर यह राजनीतिक इशारों का ट्रेलर है, तो 13 अप्रैल को गांधी मैदान में पूरी फिल्म दिखाएंगे।”
उन्होंने कहा कि आज बिहार का पूरा पान समाज अपने हक और अधिकार के लिए एकजुट हो गया है। अब सिर्फ आरक्षण की वापसी ही नहीं, बल्कि राजनीतिक हिस्सेदारी और भागीदारी भी जरूरी है। उन्होंने समाज के लोगों से आह्वान किया कि वे ‘करो या मरो’ की तर्ज पर 13 अप्रैल को गांधी मैदान को भर दें।
इस प्रेस वार्ता के दौरान महासंघ के कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे। राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष हीरामणि तांती, राष्ट्रीय महासचिव रामा शंकर कुमार तांती, पटना जिला अध्यक्ष मंजीत कुमार आर्या, पंचायती प्रकोष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष दयानंद प्रसाद तांती, चंद्र प्रकाश तारा, ओम प्रकाश पाटेश्वरी, सतीश कुमार तांती, जगन्नाथ कुमार, गणेश लाल, मनोज कुमार, वीरेंद्र कुमार तांती, जोगेंद्र प्रसाद, विकास कुमार, पप्पू कुमार, सतीश प्रसाद तांती, सहदेव प्रसाद तांती, मनोज प्रसाद तांती, गणेश प्रसाद तांती, वीरेंद्र प्रसाद तांती, जगन्नाथ कुमार तांती सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
अखिल भारतीय पान महासंघ के इस आंदोलन को लेकर पूरे बिहार में हलचल तेज हो गई है। संगठन ने साफ कर दिया है कि 13 अप्रैल को गांधी मैदान में ‘हाँको रथ हम पान हैं’ के बैनर तले एक विशाल महासभा होगी। इसमें पूरे बिहार से हजारों समर्थकों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है।
ई० आई० पी० गुप्ता ने अंत में कहा कि यह आंदोलन पान समाज के अधिकार और सम्मान की लड़ाई है। अब यह समाज पीछे हटने वाला नहीं है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
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