Global media Update tech Update & Automobile Life Style & Entertainment

पटना,नक्षत्र गेस्ट हाउस में(इस्कॉन मंदिर के सामने ) विश्व हिंदू परिषद मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी का एक दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किया गया इस वर्ग के उद्घाटन भाषण में प्रसिद्ध चिकित्सक एवं विश्व हिंदू परिषद के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ आर एन सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि हम सभी 15 से 35 वर्ष के हिंदू युवतियां दुर्गा वाहिनी और 35 से ऊपर की मातृ शक्ति कहलाती है,जो विश्व हिंदू परिषद के ही आयाम हैं के प्रशिक्षण वर्ग में यहां प्रशिक्षण लेने के लिए आए हैं ।इसमें संयोजीका ,शक्ति साधना केंद्र प्रमुख, संस्कार केंद्र प्रमुख एवं इस टोली के कम से कम 5 सदस्य की टीम खड़े करनी है ।



Amazon: दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म, जहां आपको बेहतरीन डील्स और विश्वसनीय प्रोडक्ट्स मिलते
इसी प्रकार से मातृशक्ति की भी टोली में संयोजीका , सत्संग प्रमुख ,संपर्क प्रमुख ,संस्कार केंद्र प्रमुख ,सेवा प्रमुख एवं टोली के पांच सदस्य का संगठन करना है और संगठन में बहनों को करना क्या है इस विषय पर उन्होंने विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा यहां भारत समाज का प्राण धर्म में बसता है यहां हर एक बात धर्म के परिभाषा में कही गई है पितृ धर्म ,पुत्र धर्म ,पति धर्म, पत्नी धर्म, राज धर्म और इसमें विश्व हिंदू परिषद में जोड़ा है राष्ट्रधर्म ।इस राष्ट्र धर्म के नाते हमारे जो जो कर्तव्य हैं वह आज के इस एक दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में भिन्न वक्ताओं ने प्रकाश डालl उसमे मात्र शक्ति की क्षेत्र संयोजिका डॉक्टर शोभा रानी सिंह जी पटना क्षेत्र के मंत्री श्री विमल जी, प्रांत संगठन मंत्री श्री चितरंजन जी प्रांत के सह मंत्री श्री संतोष जी , महानगर पटना के दुर्गा वाहिनी की संयोजिका अंजली सिंह प्रांत की संयोजिका पिंकी कुमारी पी कार्यक्रम का संचालन कर रहे थे ।

समापन सत्र में प्रांत मंत्री परशुराम जी ने आज हिंदू बालाओ के बीच असामाजिक तत्वों द्वारा चलाए गए लव जेहाद। के बारे में पूरा विस्तार से बताया और हिंदू समाज की सुरक्षा के लिए हम कैसे कटिबध हों इस विषय पर प्रकाश डाला ।देव भक्ति एवं देश भक्ति दोनों का साथ-साथ जागरण हो यह आज की आवश्यकता है, इसलिए हिंदू समाज की सुरक्षा के लिए सबके लिए शक्ति साधना केंद्र, संस्कार केंद्र एवं सत्संग आवश्यक है ।धर्म के जो 10 लक्षण हैं , इनके गुणों का समावेश हमारे अंदर हो ,धर्म के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को संस्कारित करने का साधन है सत्संग और यह आज की आवश्यकता है। इस प्रकार से आज का एक दिवसीय कार्यक्रम जयघोष के साथ समापन हुआ ।
Auto Amazon Links: No products found.