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“लोग यह भूल सकते हैं कि आपने क्या कहा, लेकिन वे यह कभी नहीं भूलेंगे कि आपने उन्हें कथा महसूस कराया। होटल उद्योग, नवीनता और अनूठे अनुभवों पर पनपता है।
बिहार में होटल क्षेत्र में नया करने के लिए प्रसिद्ध होटल पनाश, 08 दिनों तक चलने वाला फूड फेस्टिवल, “शाम-ए-अवध अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह की याद में, बीते दौर के शासकों के आलीशान रहन-सहन और शानदार सान-पान की झलक पेश करता है।
होटल पनाश के वाईस प्रेजिडेंट एलेन क्रिस्टोफर ने कहा, “शाम-ए-अवध में, हमारा प्रयास एक अतिथि को खाने के अनुभव से लेकर महलनुमा व्यवस्था तक सही मायने में नवाब जैसा महसूस कराना है। पूरी तरह से सुसज्जित और कार्यात्मक प्रस्तुति के साथ इस उत्सव ने अपने आगंतुकों को प्रामाणिक शाही अनुभव देने में अपना पैसा लगाया है।
अला-कार्ट मेनू जिसमें शाकाहारी और गैर-शाकाहारी व्यंजनों का अच्छा मिश्रण शामिल है, ‘गुलार-ए-रान”, “बरारा गोमत चाप”, “सब्ज़ सुला कबाब जैसे विभित्र प्रकार के अवधी-युग के व्यंजन शामिल हैं।”, “अवधी गोश्त बिरयानी और “बुरानी रायता” के साथ “मुर्ग शाही बिरयानी, इसके अलावा ‘केसरी फिरनी “शाही टुकड़ा और बहुत खाया जाने वाला मिठाइयों भी शामिल हैं।
बिहार के सबसे. चर्चित एवं अनुभवी फूड एवं बेठरेज मैनेजर मिस्टर विवेकानंद के अनुआई में आयोजित यह फूड फेस्टिवल सही मायने में अवधी के व्यंजनों को परिभाषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है।
होटल के ऑपरेशन मैनेजर मिस्टर कुमोद ने बताया की हमेशा से नया करने के लिए प्रसिद्ध ये होटल इस फूड फेस्टिवल के माध्यम से एवं अपने शहर के खाने वाले की लगातार मांग को ध्यान में रखकर किया जा रहा है और मैं अपने बिहारवाशियो चाहे वो किसी भी प्रदेश से क्यू नहीं हैं एक बार अवश्य इस फूड फेस्टिवल में आकर व्यंजनों का लुफ्त उठाने की पेशकश करता हूँ।
“यह त्यौहार सर्वोत्तम व्यंजन परोसने के अलावा, अवधी भोजन से जुड़े कई मिथकों को भी तोड़ता है। जैसे, कई लोग इसे मसालेदार व्यंजन मानते हैं, जबकि वास्तव में यह मशाला मुक्त व्यंजन नहीं है।