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पटना, [तारीख]: बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने आज बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पर्षद् द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए प्रदूषण नियंत्रण को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
मुख्य बिंदु:
पर्षद् की 50वीं वर्षगांठ: डॉ. डी.के. शुक्ला, अध्यक्ष, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् ने बताया कि पर्षद् का गठन नवंबर 1974 में हुआ था और यह अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे करने जा रहा है।
नदियों की गुणवत्ता पर नजर: पर्षद् द्वारा गंगा और उसकी सहायक नदियों के जल के नमूने लेकर उनकी गुणवत्ता की नियमित जांच की जाती है।
वायु गुणवत्ता की निगरानी: राज्य के 23 जिलों में 35 अनवरत परिवेशीय वायु गुणवत्ता प्रबोधन केंद्र संचालित हैं, जो वायु की गुणवत्ता पर नजर रखते हैं।
डॉ. सुनील कुमार ने पर्षद् के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए और अधिक मजबूती से कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने पर्षद् के अधिकारियों से पर्यावरण संरक्षण के लिए नए और प्रभावी उपाय सुनिश्चित करने को कहा।
पर्षद् के सदस्य सचिव श्री नीरज नारायण ने मंत्री को आश्वासन दिया कि प्रदूषण नियंत्रण के सभी प्रावधानों को पूरी दृढ़ता के साथ लागू किया जाएगा। उन्होंने बैठक के अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।