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चित्र गुप्त मन्दिर में चल रही भागवत कथा में शनिवार को श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जन्म होते ही भक्त जमकर झूमे। पूज्य आचार्य ओम प्रकाश शास्त्री जी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। शनिवार को भागवत कथा में पूज्य आचार्य ओम प्रकाश शास्त्री जी ने कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। उन्होंने कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जेल के ताले टूट गये। पहरेदार सो गये।
वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी जमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया । वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आये। कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर भक्त जमकर झूमे।
शास्त्री जी ने कहा कि कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्य रूपी शक्तिरूपा को छीनकर जमीन पर पटकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस, तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है।भयभीत कंस खीजता हुआ अपने महल की ओर लौट गया। उधर नंद बाबा के यहां बधाइयों को तांता लग गया। भक्तों ने भगवान का जन्मोत्सव धूम-धाम के साथ मनाया व भजनों पर ठुमके लगाये। इस अवसर पर संगीत अध्यापिका रागनी दास ने भी भजन गा कर भक्तों को मंत्र मुग्ध किया